Wednesday 8 January 2020

प्रधानमंत्री जी क्या भविष्य में जब-जब भी घुसपैठिये या आतंकी देश में घुसेंगे तो क्या हर बार NPR/NRC की जाती रहेगी जायेगी? फिर आपकी क्या जरूरत है?

प्रधानमंत्री जी क्या भविष्य में जब-जब भी घुसपैठिये या आतंकी देश में घुसेंगे तो क्या हर बार NPR/NRC की जाती रहेगी जायेगी? फिर आपकी क्या जरूरत है?


हमारे प्रबुद्ध मित्र जी जो विधि स्नातक भी हैं का कहना है कि—


''....NRC को लेकर सबका अपना अपना दृष्टिकोण है। सरकार का कहना है कि देश में काफी बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए हैं जो देश के संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं और आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं। और इससे डेमोग्राफिक परिवर्तन भी हो रहा है धीरे-धीरे। अंत:उनकी पहचान कर के उन्हें नागरिकों से अलग किया जाए तथा जैसे संभव हो, उनके देश पहुंचाया जाए। ताकि देश के संसाधन नागरिकों को ही काम आएं। दूसरि कक्ष जो है वो ये कि इससे‌ परेशानी तो आएंगी, लोगों के पास दस्तावेज भी नहीं है आदि आदि। तय आपको करना है कि आप किस तरफ हैं।''

सरकार के तर्क शुरू से ही प्राथमिक शाला के बच्चों जैसे रहे हैं। जैसे किसी छोटे बच्चे का पैन गुम हो जाने पर वह अपने अध्यापक से जिद करे कि कक्षा के सभी बच्चों की तलाशी ली जाये। तलाशी के बाद भी पैन नहीं मिलता है फिर भी बच्चे की जिद कायम रहती है। सरकार को नोटबंदी में काला धन नहीं मिला और कितनी ही NPR/NRC कर लो घुसपैठियों तथा आतंकियों को पहचान करना या उनको रोकना असंभव है।

आतंकियों को या घुसपैठियों को ढूंढने का क्या यही एक मात्र तरीका और रास्ता है कि देश के हर एक नागरिक को घुसपैठिया, संदिग्ध और आतंकी मानकर सबकी पहचान प्रमाणित की जाये?

यदि एक मात्र रास्ता है तो फिर देश की गुप्तचर संस्थाओं, पुलिस और सेना के अस्तित्व पर भी सवाल खड़े होना लाजिमी हैं।

70 सालों से लगातार भारत में आतंकी और घुसपैठिये प्रविष्ट होते रहे हैं। मोदी सरकार के दौरान भी यह सिलसिला रुका नहीं है। इस बात की कोई गारण्टी भी नहीं है कि आगे यह सिलसिला रुक ही जायेगा।

ऐसे में सवाल यह भी उठना स्वाभाविक है कि भविष्य में जब-जब घुसपैठिये या आतंकी देश में घुसेंगे तो क्या हर बार यही तरीका अपनाया जाएगा?

देश के लोगों को कतार में खड़ा करके अपने नागरिकता प्रमाणों को लेकर खड़ा होना होगा?

ऐसे में सवाल तो यह भी है कि जब हर पर नागरिकों को ही अपने आप को नागरिक सिद्ध करना है तो ऐसी सरकार एवं सरकारी व्यवस्था की जरूरत ही क्या है?
नोट: यह लाइव पूरा नहीं हो सका क्योंकि नेटवर्क अचानक चला गया।
आदिवासी ताऊ डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा, 9875066111 (Between 10 to 18 Hrs), 08.12.2019.

https://www.facebook.com/NirankushWriter/videos/1010022976024133/

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