Friday 3 January 2020

आनन्द रहित जीवन निरर्थक, निष्फल और उबाऊ बन जाता है।

बेशक आनंद जीवन का प्रथम या अंतिम लक्ष्य नहीं है, लेकिन आनन्द रहित जीवन निरर्थक, निष्फल और उबाऊ बन जाता है।
-आदिवासी ताऊ-03.01.2020, 8561955619

No comments:

Post a Comment

वर्तमान परिदृश्य में आदिवासी मीणा समुदाय की दशा और दिशा

वर्तमान परिदृश्य में आदिवासी मीणा समुदाय की दशा और दिशा हम हर दिन कुछ न कुछ सीखते और बदलते रहते हैं। सबसे पहले ...