भूतकाल जो लौटाया नहीं जा सकता। भविष्य जो अनिश्चित ही है। इनके लिये सुनिश्चित वर्तमान को दांव पर लगाने वाली पीढ़ी चिंतन करें। वर्तमान बिगड़ेगा तो भविष्य कैसे सुधर सकता है।
-आदिवासी ताऊ, 9875066111, 02.01.2020
वर्तमान परिदृश्य में आदिवासी मीणा समुदाय की दशा और दिशा हम हर दिन कुछ न कुछ सीखते और बदलते रहते हैं। सबसे पहले ...
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