Sunday 29 December 2019

जिन्हें देशद्रोही कहने में भी दिक्कत नहीं होनी चाहिये!

जिनके विचार स्वीकार नहीं, उनका अपमान क्यों? असहमति का दूसरा नाम ही तो लोकतंत्र है। असहमति को अपमानित करने वाले अलोकतांत्रिक और अंततः असंवैधानिक व्यवस्था के पोषक हैं। जिन्हें देशद्रोही कहने में भी दिक्कत नहीं होनी चाहिये!-आ. ताऊ-29.12.20119

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