संघ वाले बोलते हैं कि शाखा में तो आओ। भीम वाले भी कैडर कैम्प में बुलाते हैं। यीशू वाले भी प्रार्थना हेतु चर्च में बुलाते हैं। एसी भारत सरकार वाले भी कटाष्णा बुलाते हैं। इंसान किधर-किधर जायेगा? इंसान वहीं जायेगा, जिधर को जाने को उत्कण्ठा स्वत: या विवेक या अंतर्मन में जन्म लेगी। जिस दिन जिस किसी के भी मन में यह सब होगा, अपने आप उधर का कारवां बनेगा। सबसे दुःखद-मुझे ऐसे लोग नहीं मिलते जो संविधान को जानने हेतु आमंत्रित करते हों?
आदिवासी ताऊ डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा
9875066111, 28.12.2019.
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