मेरी फेसबुक वाल के दो साथी ऐसे हैं, जिनके बारे में मुझे नहीं पता दोनों आपस में एक दूसरे से परिचित भी हैं या नहीं? मगर दोनों में एक समानता है—जनहित में अपनी बात पर अडिग रहना और वंचित समुदायों के हित में जो भी कहना है, उसे बिना लाग लपेट के निर्भीकतापूर्वक लिखना। बेशक कोई उनसे सहमत हो या नहीं, लेकिन सच को लिखने में संकोच नहीं करते। दोनों ही लोक सेवक हैं और दोनों ही सामाजिक न्याय के पेरोकार हैं। पहले सेवानिवृति के करीब हैं और दूसरे अभी युवा हैं। मगर इन दोनों का मेरी मित्रता सूची में बने रहना, मुझे अपने विचारों को बैलेंस करने के साथ-साथ इस बात की प्रेरणा देता भी है कि अन्य अनेक उन संजीदा मित्रों के साथ-साथ ये वो दो नाम हैं जो बेशक कितना ही संवेदनशील विषय हो, उस पर अपना मत ईमानदारी से अवश्य ही रखेंगे। एक बहुत बड़ी बात मैंने इन्हें कभी किसी को खुश करने हेतु/को लिखते हुए नहीं पढा। अभी इन दोनों के साथ मैं व्यक्तिगत रूप से बहुत अधिक नजदीक नहीं हूं, लेकिन वैचारिक रूप से लगता है कि दोनों ही अपने आप में विशेष हैं। बेशक दोनों के विचार अभिव्यक्ति के तरीके में भिन्नता भी है। पहले हैं भाई Babulal Meena जी और दूसरे हैं युवा मित्र Devnath Nagavanshi Mulnivashi जी। इन दोनों के उज्ज्वल और स्वस्थ भविष्य की अनंत शुभकामनाएं। मुझे खुशी है कि आप ने मुझे अपनी मित्रता सूची में जगह दी हुई है। अभी तक के सार्वजनिक संवाद के मुझे उम्मीद है कि आप दोनों वंचित समुदायों की एकता हेतु संयुक्त विचारधारा तथा संयुक्त नेतृत्व की मुहिम के अग्रणी समर्थक सिद्ध होंगे और हम देशभर में दूसरों को भी इस बात के लिये सहमत करने में सफल होंगे।
-आदिवासी ताऊ डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा, 9875066111, 31.12.2019.
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